खनिज और ऊर्जा संसाधन -10th Class social scince full story

 खनिज और ऊर्जा संसाधन  -10th Class social scince full story

खनिज और ऊर्जा संसाधन  -10th Class social scince full story

यहाँ “खनिज और ऊर्जा संसाधन (Minerals and Energy Resources) – कक्षा 10 सामाजिक विज्ञान” अध्याय की पूर्ण कहानी / Full Story in Hindi सरल और परीक्षा-उपयोगी भाषा में दी गई है:

⭐ खनिज और ऊर्जा संसाधन – पूर्ण अध्याय (Full Story in Hindi)

प्रकृति ने हमें कई ऐसे भौतिक पदार्थ दिए हैं जो मानव जीवन और विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इन्हीं में से दो मुख्य संसाधन हैं—खनिज और ऊर्जा संसाधन। खनिज पृथ्वी की सतह या अंदर पाए जाने वाले प्राकृतिक रूप से निर्मित ठोस पदार्थ हैं, जबकि ऊर्जा संसाधन वे साधन हैं जिनसे हमें ऊर्जा प्राप्त होती है, जैसे पेट्रोलियम, कोयला, बिजली आदि। यह अध्याय इन्हीं दोनों संसाधनों के प्रकार, वितरण, उपयोग और संरक्षण के बारे में बताता है।

⭐ 1. खनिज क्या होते हैं?

खनिज प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले अकार्बनिक पदार्थ हैं, जिनकी अपनी निश्चित रासायनिक संरचना और भौतिक गुण होते हैं। उदाहरण: लोहा, तांबा, सोना, बॉक्साइट, अभ्रक (माइका) आदि।

खनिजों का निर्माण पृथ्वी की आंतरिक प्रक्रियाओं जैसे—मैग्मा के ठंडा होने, ताप एवं दबाव या अपक्षय और जलोढ़ निक्षेपण से होता है।

⭐ 2. खनिज कहाँ पाए जाते हैं?

खनिज पृथ्वी की विभिन्न परतों में मिलते हैं:

✔ (i) क्वार्ट्ज, सिलिका आदि

चट्टानों की सतह पर पाए जाते हैं।

✔ (ii) धात्विक खनिज

पृथ्वी के गहरे हिस्सों में जैसे—लौह-अयस्क, तांबा, सोना आदि।

✔ (iii) अवसादी चट्टानों में पाए जाने वाले खनिज

चूना पत्थर, मैंगनीज, कोयला आदि।

✔ (iv) जलोढ़ निक्षेप

नदियों द्वारा लाए गए बालू में टिन, सोना आदि।

⭐ 3. खनिजों के प्रकार

✔ (A) धात्विक खनिज (Metallic Minerals)

धातु प्राप्त की जा सकती है।

उदाहरण: लौह-अयस्क, तांबा, बॉक्साइट, सोना।

यह आगे दो प्रकार के होते हैं:

  1. लौह-धातु: लोहा, मैंगनीज
  2. गैर लौह-धातु: तांबा, सीसा, सोना, चांदी

✔ (B) अधात्विक खनिज (Non-Metallic Minerals)

इनसे धातु नहीं मिलती।

उदाहरण: अभ्रक, नमक, चूना पत्थर।

✔ (C) ऊर्जा संसाधन (Energy Resources)

ऊर्जा प्रदान करते हैं।

उदाहरण: कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, जल विद्युत, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा।

⭐ 4. भारत में प्रमुख धात्विक खनिज

✔ (i) लौह-अयस्क (Iron Ore)

भारत के औद्योगिक विकास की रीढ़।

मुख्य क्षेत्र:

  • ओडिशा (मयूरभंज, क्योंझर)
  • झारखंड (सिंहभूम)
  • छत्तीसगढ़ (बस्तर, दंतेवाड़ा)
  • कर्नाटक (बेल्लारी, चित्रदुर्ग)

✔ (ii) मैंगनीज

इसका प्रयोग स्टील निर्माण में।

मुख्य क्षेत्र: मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा।

✔ (iii) बॉक्साइट (Bauxite)

अल्युमिनियम का मुख्य स्रोत।

मुख्य क्षेत्र: झारखंड, ओडिशा, गुजरात, महाराष्ट्र।

✔ (iv) अभ्रक (Mica)

उच्च विद्युतरोधक।

भारत इसके उत्पादन में प्रथम स्थान पर।

मुख्य क्षेत्र: झारखंड, बिहार, राजस्थान।

⭐ 5. ऊर्जा संसाधन

ऊर्जा विकास का आधार है। भारत में ऊर्जा संसाधन दो प्रमुख वर्गों में बाँटे जाते हैं:

⭐ (A) पारंपरिक ऊर्जा स्रोत (Conventional Energy)

✔ 1. कोयला (Coal)

  • सबसे अधिक प्रयुक्त।
  • प्रकार: एंथ्रासाइट, बिटुमिनस, लिग्नाइट।
  • मुख्य क्षेत्र: झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल।

✔ 2. पेट्रोलियम (Petroleum)

लिक्विड ऊर्जा स्रोत।

मुख्य क्षेत्र:

  • असम (डिगबोई)
  • गुजरात (आणंद, अंकलेश्वर)
  • मुंबई हाई

✔ 3. प्राकृतिक गैस (Natural Gas)

स्वच्छ ईंधन।

मुख्य क्षेत्र: मुंबई हाई, कृष्णा-गोदावरी बेसिन, असम।

✔ 4. विद्युत ऊर्जा (Electricity)

दो प्रकार की:

  • थर्मल बिजली – कोयला/पेट्रोल से
  • जल विद्युत – नदियों पर बने बाँध से

मुख्य जल विद्युत परियोजनाएँ:

  • भाखड़ा-नांगल
  • हीराकुंड
  • टेहरी

⭐ (B) गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोत (Non-Conventional Energy)

ये अनंत और पर्यावरण-अनुकूल हैं।

✔ 1. सौर ऊर्जा

राजस्थान, गुजरात में विशाल सौर पार्क।

✔ 2. पवन ऊर्जा

तमिलनाडु, गुजरात, महाराष्ट्र।

✔ 3. बायो गैस / गोबर गैस

✔ 4. भू-तापीय ऊर्जा

✔ 5. ज्वारीय ऊर्जा – समुद्र के ज्वार से।

⭐ 6. खनिज और ऊर्जा संसाधनों का संरक्षण

इनका अत्यधिक दोहन पर्यावरण को नुकसान पहुँचा रहा है, इसलिए संरक्षण जरूरी है:

✔ संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग

✔ रिसाइक्लिंग को बढ़ावा

✔ गैर-पारंपरिक ऊर्जा का उपयोग

✔ खनन में आधुनिक तकनीक

✔ पर्यावरण संरक्षण के नियमों का पालन

⭐ निष्कर्ष

खनिज और ऊर्जा संसाधन भारत की आर्थिक प्रगति व औद्योगिक विकास की आधारशिला हैं। इनके बिना न तो उद्योग चल सकते हैं और न ही आधुनिक जीवन। लेकिन ये संसाधन सीमित हैं, इसलिए इनका संतुलित और सतत उपयोग आवश्यक है। यही अध्याय का मुख्य संदेश है—संसाधनों का संरक्षण ही भविष्य का निर्माण है।

नीचे खनिज और ऊर्जा संसाधन – कक्षा 10 अध्याय के

✔ सारांश

✔ प्रश्न-उत्तर (लघु + दीर्घ)

आपके परीक्षा के अनुसार सरल और महत्वपूर्ण रूप में दिए गए हैं।

⭐ सारांश (Summary)

“खनिज और ऊर्जा संसाधन” अध्याय में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले खनिजों और ऊर्जा स्रोतों के प्रकार, वितरण, उपयोग और संरक्षण पर चर्चा की गई है। खनिज वे अकार्बनिक ठोस पदार्थ हैं जिनकी अपनी रासायनिक संरचना होती है। ये पृथ्वी की सतह, गहराई, अवसादी चट्टानों और जलोढ़ निक्षेपों में मिलते हैं। खनिज दो मुख्य प्रकार के होते हैं—धात्विक और अधात्विक। लौह-अयस्क, तांबा, बॉक्साइट, सोना जैसे खनिज भारत के औद्योगिक विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। अभ्रक, चूना पत्थर, नमक आदि अधात्विक खनिज हैं।

ऊर्जा संसाधन दो वर्गों में बाँटे जाते हैं—पारंपरिक ऊर्जा (कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, जल विद्युत) और गैर-पारंपरिक ऊर्जा (सौर, पवन, बायोगैस, ज्वारीय ऊर्जा)। भारत में कोयला झारखंड, ओडिशा, बंगाल में, पेट्रोलियम असम, गुजरात, मुंबई हाई में, तथा प्राकृतिक गैस कृष्णा गोदावरी बेसिन व असम में प्रमुख रूप से पाई जाती है।

ये संसाधन सीमित हैं, इसलिए इनका संरक्षण अत्यंत आवश्यक है। रिसाइक्लिंग, वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों का उपयोग और सतत खनन तकनीक अपनाना आवश्यक है। यह अध्याय हमें यह संदेश देता है कि खनिज और ऊर्जा का विवेकपूर्ण उपयोग भविष्य के लिए जरूरी है।

⭐ लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Questions)

प्रश्न 1. खनिज क्या हैं?

उत्तर: खनिज वे प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले अकार्बनिक पदार्थ हैं जिनकी निश्चित रासायनिक संरचना और भौतिक गुण होते हैं।

प्रश्न 2. धात्विक और अधात्विक खनिज में अंतर लिखिए।

उत्तर:

  • धात्विक खनिज: इनमें धातु पाई जाती है जैसे–लौह-अयस्क, तांबा।
  • अधात्विक खनिज: इनसे धातु प्राप्त नहीं होती जैसे–अभ्रक, चूना पत्थर, नमक।

प्रश्न 3. भारत में बॉक्साइट कहाँ पाया जाता है?

उत्तर: बॉक्साइट झारखंड, ओडिशा, गुजरात, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में पाया जाता है।

प्रश्न 4. कोयले के प्रकार बताइए।

उत्तर: कोयले के तीन प्रमुख प्रकार हैं—एंथ्रासाइट, बिटुमिनस और लिग्नाइट।

प्रश्न 5. पेट्रोलियम के प्रमुख उत्पादन क्षेत्र कौन-कौन से हैं?

उत्तर: असम (डिगबोई), गुजरात (अंकलेश्वर), और मुंबई हाई।

प्रश्न 6. प्राकृतिक गैस को स्वच्छ ईंधन क्यों कहा जाता है?

उत्तर: क्योंकि प्राकृतिक गैस जलने पर धुआँ और प्रदूषण बहुत कम उत्पन्न करती है, इसलिए इसे स्वच्छ ईंधन कहा जाता है।

प्रश्न 7. सौर ऊर्जा के लाभ लिखिए।

उत्तर: यह अक्षय, प्रदूषण रहित, निःशुल्क और असीमित ऊर्जा का स्रोत है।

प्रश्न 8. खनिज संसाधनों के संरक्षण की आवश्यकता क्यों है?

उत्तर: क्योंकि ये सीमित और अप्रत्यावर्तनीय हैं तथा अतिव्यय पर्यावरण को नुकसान पहुँचाता है।

⭐ दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Questions)

प्रश्न 1. भारत में प्रमुख धात्विक खनिजों का वर्णन कीजिए।

उत्तर:

भारत में धात्विक खनिजों में मुख्यतः लौह-अयस्क, मैंगनीज, बॉक्साइट और तांबा शामिल हैं।

  • लौह-अयस्क: भारत का प्रमुख औद्योगिक खनिज है। ओडिशा (क्योंझर), झारखंड (सिंहभूम), छत्तीसगढ़ (बस्तर) और कर्नाटक में पाया जाता है।
  • मैंगनीज: स्टील निर्माण में उपयोगी, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और ओडिशा में मिलता है।
  • बॉक्साइट: अल्युमिनियम का स्रोत, झारखंड, ओडिशा और गुजरात में पाया जाता है।
  • तांबा: विद्युत उद्योग में उपयोगी, राजस्थान, मध्यप्रदेश और झारखंड में पाया जाता है।

प्रश्न 2. ऊर्जा संसाधनों के प्रकार और महत्व बताइए।

उत्तर: ऊर्जा संसाधन दो प्रकार के होते हैं—

1:पारंपरिक ऊर्जा: कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, जल विद्युत। ये उद्योगों, परिवहन और बिजली उत्पादन का आधार हैं।

1:गैर-पारंपरिक ऊर्जा: सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, बायोगैस, ज्वारीय ऊर्जा। ये पर्यावरण अनुकूल और अक्षय हैं तथा भविष्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

ऊर्जा संसाधन आर्थिक विकास और जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

प्रश्न 3. खनिज और ऊर्जा संसाधनों के संरक्षण के उपाय बताइए।

उत्तर: संसाधनों का संरक्षण आवश्यक है क्योंकि ये सीमित हैं। संरक्षण हेतु उपाय–

  • संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग
  • रिसाइक्लिंग को बढ़ावा
  • सतत खनन पद्धतियाँ
  • गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों का उपयोग
  • पर्यावरण संरक्षण नियमों का पालन
  • अपव्यय कम करना

इन उपायों से भविष्य की पीढ़ियों के लिए संसाधनों को सुरक्षित रखा जा सकता है।

प्रश्न 4. भारत में ऊर्जा संसाधनों का वितरण वर्णन कीजिए।

उत्तर:

  • कोयला: झारखंड (झरिया, बोकारो), ओडिशा (तालचेर), बंगाल (रानीगंज)।
  • पेट्रोलियम: असम (डिगबोई), गुजरात (अंकलेश्वर), मुंबई हाई
  • प्राकृतिक गैस: मुंबई हाई, कृष्णा-गोदावरी बेसिन, असम।
  • जल विद्युत: हिमालयी नदियाँ जैसे गंगा, ब्रह्मपुत्र एवं दक्षिण भारत की नदियाँ।
  • सौर और पवन ऊर्जा: राजस्थान, गुजरात, तमिलनाडु, महाराष्ट्र।
यहाँ खनिज और ऊर्जा संसाधन – कक्षा 10 अध्याय के
✔ MCQ
✔ एक शब्द/परिभाषा वाले प्रश्न
✔ प्रश्न-उत्तर (लघु + दीर्घ)
एक ही स्थान पर सुव्यवस्थित रूप में दिए जा रहे हैं।

⭐ 1. MCQ (बहुविकल्पीय प्रश्न)
1. भारत में सबसे अधिक लौह-अयस्क कहाँ पाया जाता है?
A. कर्नाटक
B. झारखंड
C. ओडिशा
D. गुजरात
उत्तर: C. ओडिशा
2. बॉक्साइट से किस धातु का निर्माण होता है?
A. तांबा
B. अल्युमिनियम
C. लोहा
D. जस्ता
उत्तर: B. अल्युमिनियम
3. भारत में पेट्रोलियम का पहला कुआँ कहाँ खोदा गया था?
A. मुंबई हाई
B. अंकलेश्वर
C. डिगबोई
D. द्वारका
उत्तर: C. डिगबोई
4. कौन सा ऊर्जा स्रोत ‘स्वच्छ ईंधन’ कहलाता है?
A. कोयला
B. पेट्रोल
C. प्राकृतिक गैस
D. डीजल
उत्तर: C. प्राकृतिक गैस
5. अभ्रक का सबसे अधिक उत्पादन किस राज्य में होता है?
A. राजस्थान
B. झारखंड
C. बिहार
D. कर्नाटक
उत्तर: B. झारखंड
6. कोयले का कौन-सा प्रकार सर्वोत्तम गुणवत्ता का होता है?
A. लिग्नाइट
B. बिटुमिनस
C. एंथ्रासाइट
D. पीट
उत्तर: C. एंथ्रासाइट
7. पवन ऊर्जा का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य कौन सा है?
A. महाराष्ट्र
B. तमिलनाडु
C. गुजरात
D. राजस्थान
उत्तर: B. तमिलनाडु
8. किस धातु को ‘स्टील का जीवन’ कहा जाता है?
A. तांबा
B. सोना
C. मैंगनीज
D. जस्ता
उत्तर: C. मैंगनीज
9. कौन-सा ऊर्जा स्रोत अक्षय है?
A. कोयला
B. पेट्रोलियम
C. सौर ऊर्जा
D. प्राकृतिक गैस
उत्तर: C. सौर ऊर्जा
10. भारत का सबसे बड़ा कोयला क्षेत्र कौन सा है?
A. रानीगंज
B. झरिया
C. धनबाद
D. बोकारो
उत्तर: B. झरिया

⭐ 2. एक शब्द / परिभाषा वाले प्रश्न
1. खनिज किसे कहते हैं?
उत्तर: प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले अकार्बनिक पदार्थ।
2. किस खनिज से अल्युमिनियम प्राप्त होता है?
उत्तर: बॉक्साइट।
3. पेट्रोलियम का सबसे बड़ा क्षेत्र?
उत्तर: मुंबई हाई।
4. स्वच्छ ईंधन का उदाहरण?
उत्तर: प्राकृतिक गैस।
5. जल विद्युत किससे प्राप्त होती है?
उत्तर: बहते जल की शक्ति से।
6. सर्वोत्तम कोयला?
उत्तर: एंथ्रासाइट।
7. अभ्रक का उपयोग कहाँ होता है?
उत्तर: विद्युतरोधक के रूप में।
8. अक्षय ऊर्जा का उदाहरण?
उत्तर: सौर ऊर्जा।
9. मैंगनीज का उपयोग?
उत्तर: स्टील निर्माण में।
10. खनिजों के संरक्षण की एक विधि?
उत्तर: रिसाइक्लिंग।

⭐ 3. प्रश्न-उत्तर (लघु + दीर्घ)
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. खनिजों के निर्माण की प्रक्रिया समझाइए।
उत्तर: खनिज मैग्मा के ठंडा होने, ताप और दबाव की प्रक्रियाओं तथा अवसादी निक्षेपण व जलोढ़ क्रियाओं से बनते हैं।
2. भारत में लौह-अयस्क कहाँ-कहाँ पाया जाता है?
उत्तर: ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और गोवा में।
3. सौर ऊर्जा के दो लाभ लिखिए।

उत्तर:
  • यह अक्षय और असीमित ऊर्जा स्रोत है।
  • यह पर्यावरण को प्रदूषित नहीं करती।
4. पवन ऊर्जा कैसे प्राप्त होती है?
उत्तर: बड़े-बड़े पवन चक्करों (टर्बाइन) को हवा की गति से घुमाकर विद्युत उत्पादन किया जाता है।
5. कोयले के उपयोग बताइए।
उत्तर: कोयला बिजली उत्पादन, उद्योगों, लोहा-इस्पात निर्माण और घरेलू ईंधन के रूप में उपयोग किया जाता है।

⭐ दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. ऊर्जा संसाधनों के प्रकार और उनके महत्व का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
ऊर्जा संसाधन दो प्रकार के होते हैं—
1.पारंपरिक ऊर्जा: कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, जल विद्युत। ये उद्योग, परिवहन, बिजली उत्पादन और घरेलू उपयोग के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
2.गैर-पारंपरिक ऊर्जा: सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, बायोगैस, ज्वारीय ऊर्जा, भू-तापीय ऊर्जा। ये पर्यावरण-अनुकूल, अक्षय, तथा भविष्य के लिए टिकाऊ ऊर्जा स्रोत हैं।
ऊर्जा संसाधन किसी भी देश की आर्थिक प्रगति और जीवन स्तर को बेहतर बनाने में मुख्य भूमिका निभाते हैं।
2. भारत में खनिजों का वितरण विस्तार से लिखिए।
उत्तर:
  • लौह-अयस्क: ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, कर्नाटक।
  • मैंगनीज: मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा।
  • बॉक्साइट: झारखंड, ओडिशा, गुजरात।
  • अभ्रक: झारखंड, राजस्थान, आंध्र प्रदेश।
  • पत्थर, चूना पत्थर: राजस्थान, मध्यप्रदेश।
  • कोयला: झारखंड (झरिया), पश्चिम बंगाल (रानीगंज), ओडिशा (तालचेर)।
  • पेट्रोलियम: असम (डिगबोई), गुजरात (अंकलेश्वर), मुंबई हाई।
भारत में खनिजों का वितरण असमान है और क्षेत्र के हिसाब से अलग-अलग प्रकार के खनिज पाए जाते हैं।
3. खनिज एवं ऊर्जा संसाधनों के संरक्षण के उपाय लिखिए।
उत्तर:
खनिजों का विवेकपूर्ण और सीमित उपयोग करना।
  • रिसाइक्लिंग एवं पुनः उपयोग को बढ़ावा देना।
  • ऊर्जा की अक्षय स्रोतों—सौर, पवन, बायोगैस—को अपनाना।
  • आधुनिक व पर्यावरण-अनुकूल खनन तकनीक का उपयोग।
  • अपव्यय कम करना तथा ऊर्जा बचाना।
  • खनन के बाद भूमि पुनर्वास।
इन उपायों से संसाधनों को भविष्य के लिए संरक्षित किया जा सकता है।

नीचे खनिज और ऊर्जा संसाधन – कक्षा 10 अध्याय के 50 महत्वपूर्ण Objective (MCQ/Objective) Questions उत्तर सहित दिए गए हैं। ये परीक्षा में आने वाले सबसे महत्त्वपूर्ण प्रश्न हैं।

⭐ 50 Objective Important Questions (With Answers)

(खनिज और ऊर्जा संसाधन – कक्षा 10)

1. खनिज किसे कहते हैं?
उत्तर: प्राकृतिक अकार्बनिक पदार्थ।
2. बॉक्साइट किस धातु का अयस्क है?
उत्तर: अल्युमिनियम।
3. ‘स्टील का जीवन’ किसे कहा जाता है?
उत्तर: मैंगनीज।
4. भारत में सबसे अधिक लौह-अयस्क उत्पादन कहाँ होता है?
उत्तर: ओडिशा
5. पेट्रोलियम का पहला कुआँ कहाँ खोदा गया?
उत्तर: डिगबोई (असम)।
6. कोयले का सर्वोत्तम प्रकार कौन सा है?
उत्तर: एंथ्रासाइट।
7. बिटुमिनस कोयले का प्रमुख उपयोग किसमें है?
उत्तर: उद्योग एवं बिजली उत्पादन में।
8. अभ्रक का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य कौन सा है?
उत्तर: झारखंड।
9. ‘स्वच्छ ईंधन’ किसे कहा जाता है?
उत्तर: प्राकृतिक गैस।
10. जल विद्युत किससे प्राप्त होती है?
उत्तर: बहते जल से।
11. सूर्य से प्राप्त ऊर्जा किस श्रेणी की है?
उत्तर: अक्षय ऊर्जा।
12. पवन ऊर्जा का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य?
उत्तर: तमिलनाडु।
13. कोयला किस प्रकार की चट्टान है?
उत्तर: अवसादी चट्टान।
14. पेट्रोलियम किस प्रकार का संसाधन है?
उत्तर: पारंपरिक ऊर्जा संसाधन।
15. भारत का सबसे बड़ा कोयला क्षेत्र कौन सा है?
उत्तर: झरिया (झारखंड)।
16. प्राकृतिक गैस का प्रमुख क्षेत्र कौन सा है?
उत्तर: कृष्णा-गोदावरी बेसिन।
17. जलोढ़ निक्षेप में कौन सा खनिज मिलता है?
उत्तर: सोना।
18. भारत में सर्वाधिक अभ्रक कहाँ पाया जाता है?
उत्तर: झारखंड और बिहार।
19. बॉक्साइट मुख्य रूप से किस चट्टान में पाया जाता है?
उत्तर: लेटराइट चट्टान।
20. पेट्रोलियम का निर्माण किससे होता है?
उत्तर: मृत जीव-जंतुओं/वनस्पतियों से।
21. ‘काला सोना’ किसे कहा जाता है?
उत्तर: पेट्रोलियम।
22. भारत में जल विद्युत की क्षमता किस राज्य में अधिक है?
उत्तर: हिमाचल प्रदेश।
23. लिग्नाइट कोयले का रंग कैसा होता है?
उत्तर: भूरा।
24. एंथ्रासाइट में कार्बन की मात्रा कितनी होती है?
उत्तर: लगभग 80–90%।
25. किस खनिज का उपयोग सीमेंट उद्योग में होता है?
उत्तर: चूना पत्थर।
26. कौन सा खनिज विद्युतरोधक के रूप में उपयोग होता है?
उत्तर: अभ्रक (माइका)।
27. अल्युमिनियम उद्योग के लिए मुख्य अयस्क?
उत्तर: बॉक्साइट।
28. भारत में पहली बार पवन ऊर्जा कहाँ स्थापित हुई?
उत्तर: केरल।
29. किसे ‘धातुओं का राजा’ कहा जाता है?
उत्तर: सोना।
30. भारत में पेट्रोलियम का सबसे बड़ा अपतटीय क्षेत्र?
उत्तर: मुंबई हाई।
31. खनिज संसाधन किस प्रकार के संसाधन हैं?
उत्तर: सीमित (Non-renewable)।
32. किस ऊर्जा स्रोत को भविष्य की ऊर्जा कहा जाता है?
उत्तर: सौर ऊर्जा।
33. मैंगनीज किस उद्योग में आवश्यक है?
उत्तर: स्टील उद्योग।
34. कोयला किस भू-आकृति में अधिक मिलता है?
उत्तर: गोंडवाना क्षेत्र।
35. भारत का सबसे बड़ा बॉक्साइट उत्पादक राज्य कौन सा है?
उत्तर: ओडिशा।
36. किस खनिज का उपयोग दियासलाई बनाने में होता है?
उत्तर: फॉस्फोरस।
37. कौन सा राज्य जल विद्युत उत्पादन में अग्रणी है?
उत्तर: हिमाचल प्रदेश/उत्तराखंड।
38. प्राकृतिक गैस का प्रमुख उपयोग कहाँ होता है?
उत्तर: बिजली उत्पादन और उर्वरक उद्योग।
39. किस खनिज से स्टील को कठोरता मिलती है?
उत्तर: मैंगनीज।
40. किस ऊर्जा स्रोत से 'ग्रीन एनर्जी' प्राप्त होती है?
उत्तर: अक्षय ऊर्जा स्रोत।
41. भारत में पहला तेल रिफाइनरी कहाँ स्थापित हुआ था?
उत्तर: डिगबोई (असम)।
42. किस राज्य में सौर ऊर्जा संभावनाएँ सबसे अधिक हैं?
उत्तर: राजस्थान।
43. ‘भू-तापीय ऊर्जा’ किससे प्राप्त होती है?
उत्तर: पृथ्वी की आंतरिक गर्मी से।
44. भारत में प्राकृतिक गैस का प्रमुख अपतटीय क्षेत्र?
उत्तर: मुंबई हाई।
45. किस खनिज का उपयोग एल्युमिनियम फॉयल बनाने में होता है?
उत्तर: बॉक्साइट।
46. भारत में कोयला उत्पादन का दूसरा सबसे बड़ा राज्य?
उत्तर: ओडिशा।
47. किस गैस को ‘गोबर गैस’ कहा जाता है?
उत्तर: मीथेन।
48. भारत का सबसे पुराना कोयला क्षेत्र?
उत्तर: रानीगंज (पश्चिम बंगाल)।
49. किस ऊर्जा स्रोत से प्रदूषण शून्य होता है?
उत्तर: सौर ऊर्जा।
50. खनिजों के संरक्षण का मुख्य तरीका?
उत्तर: रिसाइक्लिंग और विवेकपूर्ण उपयोग।

⭐ आउट्रो (500 Words) – खनिज और ऊर्जा संसाधन

“खनिज और ऊर्जा संसाधन” अध्याय हमें यह समझाता है कि प्रकृति ने हमें कितने मूल्यवान उपहार दिए हैं। पृथ्वी की सतह पर मौजूद खनिज केवल एक चमकदार पत्थर या धातु नहीं हैं, बल्कि देश की आर्थिक प्रगति और मानव जीवन का आधार हैं। इन्हीं खनिजों से उद्योग चलते हैं, मशीनें बनती हैं, भवन और सड़कें खड़ी होती हैं, और हमारी रोजमर्रा की जरूरतों की पूर्ति होती है। यही कारण है कि खनिजों और ऊर्जा संसाधनों को किसी भी देश की शक्ति और विकास का सूचक माना जाता है।

लेकिन इन संसाधनों की एक बड़ी चुनौती है—इनका सीमित होना। खनिज लाखों वर्षों में बनते हैं और यदि इनका उपयोग बिना सोचे-समझे किया जाए, तो भविष्य में संसाधनों की कमी अवश्य होगी। कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस जैसे पारंपरिक ऊर्जा स्रोत तेजी से खत्म हो रहे हैं और इनके अत्यधिक दोहन से पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुँच रहा है। वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, भूमि का क्षरण और जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याएँ इसी का परिणाम हैं। इसलिए यह अध्याय हमें चेतावनी भी देता है कि यदि हम अभी सावधान नहीं हुए, तो आने वाली पीढ़ियाँ संसाधनों की कमी से जूझेंगी।

आज दुनिया भर में अक्षय ऊर्जा स्रोतों—जैसे सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, बायोगैस, भू-तापीय ऊर्जा—का महत्व बढ़ रहा है। ये ऊर्जा स्रोत प्रकृति द्वारा लगातार उत्पन्न होते हैं, इसलिए समाप्त नहीं होते। ये स्वच्छ भी हैं और पर्यावरण को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुँचाते। भारत जैसे देश में जहाँ सूर्य और हवा प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं, वहाँ इन ऊर्जा स्रोतों का उपयोग अत्यंत लाभदायक है। यह अध्याय हमें यह संदेश देता है कि तकनीक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाकर हम ऊर्जा की कमी को दूर कर सकते हैं और विकास को टिकाऊ बना सकते हैं।

खनिजों के संरक्षण के लिए रिसाइक्लिंग, पुन:उपयोग, आधुनिक खनन तकनीकों का उपयोग, और अपव्यय को कम करना जैसे उपाय अत्यंत आवश्यक हैं। यदि हम धातुओं का पुनर्चक्रण करें तो 70% तक खनिजों की बचत हो सकती है। पर्यावरण-अनुकूल खनन तकनीकें भूमि और जल को बचा सकती हैं। इसी तरह अक्षय ऊर्जा को अपनाकर हम गैर-नवीकरणीय संसाधनों पर निर्भरता कम कर सकते हैं। यह न केवल पर्यावरण को सुरक्षित रखेगा बल्कि आर्थिक रूप से भी देश को मजबूत बनाएगा।

इस पूरे अध्याय में सबसे महत्वपूर्ण संदेश यही है कि संसाधनों का उपयोग सोच-समझकर किया जाए। हमें इनका दुरुपयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि संसाधन केवल हमारी वर्तमान आवश्यकताओं को नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों की जरूरतों को भी पूरा करेंगे। आर्थिक विकास तभी सार्थक है जब वह टिकाऊ हो और पर्यावरण के साथ संतुलन बनाए रखे।

अंत में, “खनिज और ऊर्जा संसाधन” अध्याय हमें यह सिखाता है कि विकास का रास्ता सही प्रबंधन, विज्ञान, जागरूकता और प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी से होकर गुजरता है। यदि हम खनिजों का विवेकपूर्ण उपयोग करें, ऊर्जा संसाधनों का संरक्षण करें और स्वच्छ ऊर्जा को अपनाएं, तो हम न केवल वर्तमान समाज की जरूरतें पूरी करेंगे, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित और समृद्ध दुनिया छोड़ सकेंगे। यही इस अध्याय का वास्तविक सार और संदेश है।

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